balagaadigola
Friday, August 24, 2012
ख़ुशी से मचलने
******आखिर मैं भारत जा रहा हूँ *********
इस ख़ुशी के माहोल मैं, म़ेरी एक शायिरी पे गोर फरमाईएगा !!!
"मिलेंगे तीन हफ़्तों के बाद (2)
करूंगा आप सभी को याद...
जारहा हूँ मैं हैदराबाद (2) , अपने वालो से मिलने
डेढ़ साल के इंतज़ार के बाद , ख़ुशी से मचलने।..."
इस कविता मेरे सभी अमेरिका मित्रों को समर्पित हैं .....
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